उपलब्ध सेवाएँ
- चार भवनों तक फैले ऑप्टिक फाइबर बैक बोन वाला लोकल एरिया नेटवर्क (एलएएन)
पिछले वापसी के क्रम वर्ष 1994 में सीएमपीडीआई ने नेट वर्किंग के महत्व की पहचान की तथा 64 ग्राहकों के साथ तीन मुख्य कार्यालय के भवनों को कवर करते हुए फाइबर ऑप्टिक बेक बोन के साथ लोकल नेटवर्क की स्थापना कर विश्वसनीय कदम बढ़ाया। अभी सीएमपीडीआई के पास चार मुख्य कार्यालय भवन फाइबर ऑप्टिक बैक बोन के माध्यम से जुडे. हुए हैं जिसके करीब 450 ग्राहक है। यह संतुलित (रोबस्ट) लैन नेटवर्किंग तथा सौ कम्प्यूटरों को हाईस्पीड इनफोरमेशन शेयरिंग क्षमता एवं परिधिय साधन उपलब्ध कराता है। परामर्शी संगठन होने के नाते सीएमपीडीआई विश्वसनीय सूचना शेयरिंग पर मुख्य रूप से आश्रित है और इसीलिए लैन सेवा लाइफ लाइन के रूप स्टेट ऑफ द आर्ट प्लानिंग गतिविधियाँ है। लैन इन्टरनेट को कनेक्टिंग पाथ वे के रूप में सेवा प्रदान करता है और इस प्रकार यह उपभोक्ताओं को उन्नत तकनीकी सूचना के विस्तृत स्तर तक पहुँचने में सहायता देता है।
- 100 एमबीपीएस डेडिकेटेड लीण्ड लाइन इंटरनेट संयोजन:
वर्ष 2000 में सीएमपीडीआई ने इन्टरनेट की संयोजकता के लिए 128 के बीपीएस लीज्ड लाइन की स्थापना की एवं सूचना के एक्सपोजर के लिए रास्ता तैयार किया। अभी सीएमपीडीआई के पास प्रिमियम इन्टरनेट परामर्शी सेवा के लिए समर्पित 100 एमबीपीएस लीज्ड लाइन कनेक्शन है। चूंकि यह लाइन अविभाजित है, यह गति (स्पीड) तथा अद्वितीय इन्टरनेट अनुभव उपलब्ध कराता है।
- सभी क्षेत्रीय संस्थानों को एमपीएसएस से जोड़ना:
इन्टरनेट जैसे पब्लिक नेटवर्क के माध्यम से निश्चित पहुँच की आवश्यकता ने सीएमपीडीआई को वर्चूअल प्राइवेट नेटवर्क के बारे में सोचने की प्रेरणा दी। वर्ष 2009 में सीएमपीडीआई ने वर्चूअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) की स्थापना के लिए मल्टीप्रोटोकाल लेवल स्वीचिंग (एमपीएलएस) की शक्ति का इस्तेमाल किया, जो इसके सभी क्षेत्रीय संस्थानों को जोड़ता है, जो भौगोलिक दृष्टि से बिखरे हुए हैं। वीपीएन आधारित एमपीएसएस ने डाटा हैंडलिंग, इनफोरमेंशन एक्सचैज, सेवाओं के कंद्रीकरण, जो नीचे उल्लिखत है, की दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- साफ्टवेयर लाइसेंस का केंद्रित (सेंटरलाइण्ड) प्रबंधन:- माइनेक्स (लिडिंग माइन प्लानिंग साफ्टवेयर), आटोकेड इत्यादि जैसे विभिन्न साफ्टवेयरों का लाइसेंस आधारित नेटवर्क, सीएमपीडीआई, मुख्यालय, रांची के सर्वर पर लगाया गया है। उपभोक्ता सीएमपीडीआई के सम्पर्क में क्षेत्रीय संस्थानों में वैसे लोगों सहित सीएमपीडीआई नेटवर्क से जुड़े अपेक्षित साफ्टवेयर पर काम करते हैं। इसने साफ्टवेयर लाइसेंस प्रबंधन के पर्याप्त रास्ते को लीड किया है।
- इंटरनेट एवं ई-मेल सेवा:- क्षेत्रीय संस्थानों सहित सीएमपीडीआई के संपर्क में उपभोक्ताओं ने वीपीएम आधारित एमपीएलएल के इस्तेमाल द्वारा इन्टरनेट तथा ई-मेल सेवा के लिए अपनी पहुँच सुनिश्चित की है।
- ड्रिलिंग एवं स्टोर्स इनफोरमेंशन का प्रबंधन:- वीपीएन आधारित एमपीएलएस तथा सीएमपीडीआई, मुख्यालय इन हाउस विकसित विभिन्न साफ्टवेयरों का इस्तेमाल, विभिनन कैम्पों, जो दूरस्थ क्षेत्रों (रिपोट एरिया) में कार्य कर रहे हैं, से ऑनलाइन पर ड्रिलिंग तथा स्टोर की सूचना प्राप्त करने में समर्थ है।
- इन्टरनेट का संस्थापन:
सीएमपीडीआई ने उच्चस्तरीय सिक्योर इन्टरनेट को स्थापित किया है जो सीएमपीडीआई के अंतर्गत सूचना शेयर तथा सेवाओं की गणना करने के लिए इन्टरनेट प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता है। इन्टरनेट के पास यूजर-फ्रेंडली वेबसाइट है जो आंतरिक संचार व्यवस्था तथा सहयोग के पर्याप्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। आंतरिक उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं का प्रबंध करने के लिए इन हाउस विकसित कई साफ्टवेयर तथा सामान्य रूप से नेटवर्क है, जिसके पास प्रमाणीकरण तथा प्राधिकरण के लिए विशेष प्रावधान है।
- अधिकारी (एक्ज्युटिव) सूचना प्रणाली:
कोल इंडिया के बोर्ड लेवल से नीचे सभी अधिकारियों के लिए एक्ज्यूटिव इनफोमेंशन सिस्टम (ईआईएस) वर्ष 2010 में प्रारंभ (लान्च) किया गया। यह अनुप्रयोग कोल इंडिया के अंतर्गत डीपीसी से संबंधित आवश्यकताओं को सहायता (सपोर्ट) देने के लिए प्रारंभिक तौर पर एक साल पहले के लिए इस्तेमाल किया गया है। यह अंतप्रयोग नीतियों में परिवर्तन से उत्पन्न जिटलताओं का पता लगाने के लिए मुद्दों से संबंधित कार्यव्यापार को साथ-साथ संबोधित करता रहा है। इन्टरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए पब्लिक नेटवर्क पर निश्चित रूप से ऑपरेट करने के लिए इस अनुप्रयोग (अप्लीकेशन) की डिजाइन की गई है। यूजर आथेन्टिकेशन मैकनिज्म पूरी तरह से ओराकल सिक्यूरिटी पर आधारित है।
- ऑफिस आटमेशन:
सीएमपीडीआई इस तथ्य को मानता है कि अनुकूलन तथा स्वचालन वर्तमान कार्यालयीन प्रक्रिया दक्षता में वृद्धि करने के लिए बहुत ही संकटपूर्ण है। बैक बोन तथा ऑफिस आटोमेशन साफ्टवेयर पैकेज के रूप में लैन का इस्तेमाल करते हुए सीएमपीडीआई में उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक बिजनेस इनफोरमेशन को मैनेज करने में अनुकूल बनाये जाते हैं।
- वेब का अनुप्रयोग (अप्लीकेशन):
सीएमपीडीआई में शाफ्टवेयर डवलपर का ग्रूप है, जिसने साफ्टवेयर अप्लीकेशन आधारित कई वेब को सफलतापूर्वक विकसित किया है। ओराकल आरडीबीएमएस के साथ सीएमपीडीआई में वेब अप्लीकेशन की सुनिश्चितता सृजित करने के लिए बैक इन्ड पर, पीएचपी, एजेक्स, जावा स्क्रिप्ट इत्यादि का काफी इस्तेमाल किया गया है। इन अप्लीकेशनों का उपभोक्ताओं द्वारा इन्टरनेट तथा प्रवेशी (इन्टरामेट) पर दैनिकी मूल्यांकन किया जाता है। आईसीटी प्रभाग आधुनिक अप्लीकेशन के विकास के लिए फ्रोन्ट इन्ड तथा बैक इन्ड सुविधा विश्वसनीय है।
- डाटाबेस डिजाइन
सीएमपीडीआई डेटाबेस डिजाइन की समग्र प्रक्रिया पर विशेषज्ञता हासिल है. सीएमपीडीआई बेस डेटा संरचनाओं के साथ साथ, प्रमाणित डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली के डेटाबेस को उपयोग बनाने में अनुभव है.
- भौगोलिक सूचना प्रणाली (जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम) (जीआईएस ) केंद्र
सीएमपीडीआई के पास पूर्ण सुसज्जित जीआईएस सेंटर, है, जिसमें आटोकेड के साथ-साथ इन्टर प्राइज जीआईएस सूट एआरसीजीआईएस है। इस सेंटर में वाइड फारमेट स्कैनर तथा वाइड फारमेट प्लाटर भी है। अनुभवी लोग सभी वाइड फारमेट स्कैनिंग तथा प्लाटिंग का ध्यान रख रहे हैं। यह केंद्र क्रिएटिंग लैंड इन्फोरमेशन सिस्टम तथा हैंडलिंग इमेजेज जैसी गतिविधियों में तन्मयता से लगा हुआ है।
- नेटवर्किंग का समाधान:
सीएमपीडीआई को ग्राहकों के कार्य-व्यापार की आवश्यकताओं को मैप करते हुए नेटवर्क डिजाइन तथा वीपीएन कार्यान्वयन सहित समेकित नेटवर्किंग समाधान करने का अनुभव है। नेटवर्किंग समाधान का बढ़ता हुआ प्रस्ताव देते हुए सीएमपीडीआई के पास दक्षता एवं उर्वरता से नेटवर्क का इस्तेमाल करने हेतु ग्राहकों के लिए संबंधित वेब अप्लीकेशन को विकसित करने की सुविज्ञता है।