अनुसंधान एवं विकास की गतिविधियाँ:

इलेक्ट्रॉनिक्स प्रभाग देश के प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों और प्रतिष्ठित निर्माताओं जैसे आईआईटी, खड़गपुर, आईआईटी, कानपुर, सीईईआरअई, पिलानी, सीएफआरआई (केंद्रीय ईंधन अनुसंधान संस्थान) धनबाद और बीआईटी, मेसरा के साथ नई प्रणाली और विभिन्न अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए जुड़ा हुआ है. महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सूची नीचे सूचीबद्ध हैं:-

    1. सीडीएस प्रणाली:
      कई पार्टियों उदाहरणार्थ एकेजी इलेक्ट्रानिक्स, एसईएमईएक्स इंडिया बेल्ट्रोन इत्यादि के साथ स्थानांतरित एवं व्यापारीकृत जानकारी
    2. साउण्ड पावर्ड टेलीफोन प्रणाली:
      मेसर्स ऐ.के.जी इलेक्ट्रानिक्स के सहयोग से विकसित
    3. केज कम्युनिकेशन प्रणाली:
      मूनिडीह, बीसीसीएल में मेसर्स बेल्ट्रोन के सहयोग से विकसित एवं स्थापित विदेशी निर्मित एक ऊपर उठती हुई संचार प्रणाली का बी.जी.एम.एल, कोलार में परीक्षण किया गया।
    4. इन्डक्टिव कम्युनिकेशन प्रणाली:
      मेसर्स बेल्ट्रोन के सहयोग से अभिकल्पित (डिजाइन्ड) एवं विकसित
    5. निस्रावी (लीकी) फीडर कम्युनिकेशन प्रणाली:
      एसएंडटी परियोजना के अंतर्गत सीईईआरआई के पिलानी के सहयोग से विकसित एवं हिन्दुस्तान कापर लि., सतही खान में इसका परीक्षण किया गया।
    6. ट्रेण्ड माइनर्स के लिए वीएलएफ (वैरी लो फ्रीक्वेंसी) संचार व्यवस्था:
      आईआईटी, कानपुर के सहयोग से अभिकल्पित (डिजाइन्ड) तथा विकसित, कुसमुण्डा, बीसीएल में तथा सिरका खान, सीसीएल में परीक्षण किया गया।
    7. गोफ टेम्प्रेचर मॉनिटरिंग प्रणाली:
      एसएंडटी परियोजन के अंतर्गत बीआईटी मेसरा के सहयोग से विकसित, धेमोमेन तथा शीतलपुर कोलियरी, ईसीएल में इसका परीक्षण किया गया।
    8. डिफेक्टोग्राफ:
      आईएएसएम, धनबाद के सहयोग से विकसित तथा डब्ल्यूईबीएल को जानकारी स्थानांतरित की गई।
    9. रन अवे कोल टब वर्निंग सिस्टम:
      एसएंडटी अनुदान के अंतर्गत बीआईटी मेसरा के सहयोग से विकसित/सेंट्रल सौन्दा में इसका परीक्षण किया गया।
    10. पर्यावरणिक प्रबोधन प्रणाली:
      टीडीसी फंडिंग के अंतर्गत मेसर्स आप्ट्रान तथा मेसर्स भेल के सहयोग से विकसित इसका क्षेत्रीय परीक्षण पीके-1 माइन्स एससीसीएल तथा तिरात कोलियरी, ईसीएल में किया गया।
    11. माइन-वाइन्डर मॉनिटरिंग प्रणाली:
      टीडीसी योजना के तहत सीईईआरआई के सहयोग से विकसित। मेसर्स वी.के.इन्डस्ट्रीज, राजस्थान तथा मेसर्स एण्ड्रो युले, कोलकाता को इसकी जानकारी स्थानान्तरित की गई।
    12. कोयले की राख का प्रबोधन (माइनिंग) सिस्टम:
      टीडीसी फंडिंग कार्यक्रम अंतर्गत ईसीआईएस, हैदराबाद के सहयोग से विकसित दुग्धावाशरी बीसीसीएल में इसका क्षेत्रीय परीक्षण किया गया।
    13. कोल टब वेईंग काउन्टिग सिस्टम
      विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परियोजना के तहत बी आई टी मेसरा के सहयोग से विकसित। इसका परीक्षण हथिडारी इन्क्लाइन, सी सी एल में।
    14. भूवैज्ञानिक डिसकंटीन्यूटीज
      आई आई टी, खड़गपुर के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
    15. दामोदर फ्लड लेबल वार्निंग सिस्टम
      बी आई टी मेसरा के सहयोग से विकसित और ए. के. खान, सी सी एल में परीक्षित।
    16. लाउड हेलिंग कम्यूनिकेशन सिस्टम
      आई आई टी बेंगलोर के सहयोग से विकसित और सौंदा डी, सी सी एल में परीक्षित।
    17. लेजर अलाइनमेंट सिस्टम
      ज्योति लि. के सहयोग से विकसित और मूनीडीह बी सी सी एल में परीक्षित।
    18. शाफ्ट सिग्नलिंग सिस्टम
      डब्लू एस एफ, कलकता के सहयोग से विकसित और सौंदा डी, सी सी एल में परीक्षित।